Newsographics
Begin typing your search above and press return to search.

200% टैरिफ से भारतीय दवा उद्योग और अमेरिकी ग्राहक दोनों संकट में

200% टैरिफ से भारतीय दवा उद्योग और अमेरिकी ग्राहक दोनों संकट में
X

By : Krishna Mishra

  |  9 July 2025 9:49 PM IST

अमेरिका में 200% दवा टैरिफ से भारतीय फार्मा उद्योग पर मंडराया संकट, छोटी कंपनियां खतरे में

अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत से निर्यात होने वाली दवाओं पर 200% तक टैरिफ लगाते हैं, तो इसका गहरा असर भारतीय फार्मा उद्योग पर पड़ना तय है। ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि अमेरिका दवा और तांबे के आयात पर भारी टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है, जिसमें दवाओं पर शुल्क 200% तक पहुंच सकता है।

कीमतें बढ़ाना होगा मजबूरी

उद्योग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस स्थिति में कंपनियों के पास दवाओं की कीमतें बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा। “हम पहले ही कम मार्जिन पर काम करते हैं। अगर इतने भारी टैरिफ लगाए जाते हैं, तो अमेरिकी खरीदारों की लागत बढ़ेगी और हम भी दबाव में आ जाएंगे,” उन्होंने कहा।

छोटे प्लेयर्स पर मंडराया बड़ा खतरा

छोटी फार्मा कंपनियों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है। टैरिफ के चलते उनकी लागत इतनी बढ़ सकती है कि उन्हें मर्जर करना पड़े या कारोबार समेटना पड़े। भारत इस समय अमेरिकी दवाओं पर लगभग 10% आयात शुल्क लगाता है, जबकि अमेरिका भारतीय दवाओं पर कोई शुल्क नहीं लगाता है।

अमेरिकी बाजार पर सबसे अधिक निर्भरता

इक्रा के वाइस प्रेसिडेंट और सेक्टर प्रमुख दीपक जोतवानी ने बताया कि अमेरिका भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए सबसे बड़ा निर्यात बाजार है, जिससे उन्हें कुल राजस्व का 30-40% हिस्सा मिलता है। ऐसे में अगर अमेरिकी सरकार टैरिफ लगाती है, तो इससे कंपनियों की लागत और लाभप्रदता पर सीधा असर पड़ेगा।

जेनरिक दवाओं की बिक्री भी हो सकती है प्रभावित

जोतवानी ने कहा, “भारतीय कंपनियां पहले ही अमेरिका में तीव्र प्रतिस्पर्धा के चलते दबाव में हैं। ऐसे में टैरिफ बढ़ने से जेनरिक दवाओं का निर्यात और मुनाफा दोनों प्रभावित हो सकते हैं।”

इसलिए, अगर यह नीति लागू होती है, तो भारतीय फार्मा इंडस्ट्री को न केवल अमेरिकी बाजार में अपने उत्पाद महंगे करने पड़ेंगे, बल्कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी स्थिति बनाए रखना भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।

Next Story
Similar Posts