अनिल अंबानी की RCom पर ₹14,000 करोड़ लोन घोटाले का आरोप, CBI करेगी जांच
अनिल अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस एक बड़े वित्तीय घोटाले के घेरे में आ गए हैं। 14,000 करोड़ रुपये से अधिक के लोन फ्रॉड के आरोपों के बाद अब इस मामले की जांच तेज़ हो गई है। संसद में खुद केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस घोटाले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अनिल अंबानी और रिलायंस कम्युनिकेशंस को आरबीआई की गाइडलाइंस के तहत “फ्रॉड” की श्रेणी में रखा है।
CBI जांच की तैयारी
SBI ने इस धोखाधड़ी की रिपोर्ट भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को सौंप दी है और अब CBI में केस दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस केस में और भी खुलासे हो सकते हैं।
केनरा बैंक से भी ठगी
इतना ही नहीं, कंपनी पर केनरा बैंक से भी करीब 1,050 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। बैंकिंग प्रणाली में इस स्तर के घोटाले को गंभीरता से लिया जा रहा है और विभिन्न एजेंसियां इसकी जांच में जुट गई हैं।
विदेशी संपत्ति की भी जांच
सूत्रों के मुताबिक, अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों के विदेशों में छिपे बैंक खातों और संपत्तियों की भी जांच शुरू हो चुकी है। अधिकारियों का मानना है कि आने वाले समय में इस घोटाले से जुड़े कई और बड़े राज़ सामने आ सकते हैं।
ED की छापेमारी
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को दिल्ली और मुंबई में अनिल अंबानी से जुड़े 35 ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में 50 कंपनियों की जांच की गई और 25 लोगों से पूछताछ भी हुई। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन कंपनियों ने बैंकों, निवेशकों और पब्लिक संस्थानों को धोखा देकर भारी मात्रा में धन हेराफेरी की योजना बनाई थी।
बढ़ सकती हैं मुश्किलें
अब जब SBI ने आधिकारिक रूप से धोखाधड़ी की पुष्टि कर दी है और CBI भी मामले में कदम उठा रही है, अनिल अंबानी की कानूनी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। इस मामले में अन्य जांच एजेंसियों के भी सक्रिय होने की संभावना है।
यह पूरा मामला न सिर्फ एक बड़े कारोबारी समूह की साख पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि भारत की बैंकिंग प्रणाली की पारदर्शिता और कड़े नियामक उपायों की आवश्यकता को भी उजागर करता है।