प्रेमानंद महाराज बोले- भाई से मिलना पाप, इसलिए 40 साल से दूरी
वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज का नाम हर भक्त की जुबान पर है। शांत, सरल और आध्यात्मिक व्यक्तित्व वाले प्रेमानंद जी का जीवन पूरी तरह भगवान की भक्ति में समर्पित है। लेकिन उनके निजी जीवन का एक पहलू ऐसा भी है, जो कई लोगों को हैरान कर देता है—उनके बड़े भाई उनसे वर्षों से नहीं मिले, और इसके पीछे की वजह बेहद अनोखी है।
कानपुर जिले के अखरी गांव में जन्मे प्रेमानंद जी का बचपन का नाम अनिरुद्ध पांडे था। धार्मिक माहौल वाले परिवार में पले-बढ़े, वे छोटी उम्र में ही पूजा-पाठ में रमने लगे। पांचवीं कक्षा में उन्होंने भगवद गीता का पाठ शुरू किया और किशोरावस्था में संन्यास लेने का निर्णय लिया। घर छोड़कर विभिन्न तीर्थ स्थलों पर साधना की और अंततः वृंदावन में राधा रानी की भक्ति में लीन हो गए। उनके बड़े भाई गणेश दत्त पांडे गृहस्थ जीवन जीते हैं और छोटे भाई का सम्मान करते हुए भी उनसे जानबूझकर दूरी बनाए रखते हैं।