हिमाचल के मंडी से लेकर मध्य प्रदेश के छतरपुर तक नदियां उफान पर
देश के कई हिस्सों में मानसून के सक्रिय होते ही बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से लेकर मध्य प्रदेश के छतरपुर तक नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में नदियों और नालों में उफान देखने को मिल रहा है, जिससे कई इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
हिमाचल प्रदेश: मंडी में बारिश बनी आफत
हिमाचल के मंडी जिले में बीते 48 घंटों से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है, जिससे ब्यास और उसकी सहायक नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ा है। जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे सड़कों पर यातायात बाधित हो गया है। प्रशासन ने लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की हिदायत दी है और संवेदनशील क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया है।
मध्य प्रदेश: छतरपुर में धसान नदी उफान पर
मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित छतरपुर जिले में धसान और केन नदी में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। लगातार बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। ग्रामीण इलाकों के संपर्क मार्गों पर पानी भर गया है, जिससे कई गांवों का संपर्क मुख्य सड़कों से कट गया है। प्रशासन ने राहत और बचाव दलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। कई स्कूलों को एहतियातन बंद कर दिया गया है।
सुरक्षा और राहत कार्य जारी
दोनों राज्यों में जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल राहत पहुंचाई जा सके। कुछ इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।
जलवायु परिवर्तन की बढ़ती भूमिका
विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार बढ़ती मानसूनी असमानता और जलवायु परिवर्तन की वजह से अब ऐसी बाढ़ की घटनाएं अधिक सामान्य होती जा रही हैं। अतिवृष्टि और कम समय में अत्यधिक जलवर्षा के कारण जलप्रवाह तीव्र होता है, जिससे नदियां उफान पर आ जाती हैं।
निष्कर्ष
हिमाचल से लेकर मध्य प्रदेश तक फैली यह प्राकृतिक आपदा एक बार फिर जलवायु प्रबंधन और आपदा पूर्व तैयारी की महत्ता को रेखांकित करती है। स्थानीय प्रशासन से लेकर आम नागरिकों तक सभी को सतर्क रहना जरूरी है। अगले कुछ दिनों तक मौसम विभाग ने और बारिश की संभावना जताई है, ऐसे में सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।